
संघ की आधिकारिक भाषा हिन्दी होगी, और इसका लिपि देवनागरी होगा। संघ के राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग होने वाले संख्याओं का अंतरराष्ट्रीय प्रारूप होगा। इस निर्णय को 14 सितंबर को लिया गया, जो कि हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंह के 50वें जन्मदिन पर हुआ, इसके कारण इसे हिन्दी दिवस के रूप में महत्वपूर्ण माना गया।
इस प्रकार हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन हमारी राष्ट्रीय भाषा, हिंदी, को समर्पित है और हमारे साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। हिंदी दिवस का मकसद हमें हमारी मातृभाषा के महत्व को याद दिलाना है और हमें हिंदी की गरिमा और समृद्धि की दिशा में अपनी भूमिका को समझने के लिए प्रोत्साहित करना है।
हिंदी की प्रसार और प्रचार के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी न केवल भारत में, बल्कि फिजी, सिंगापुर, मॉरिशस, और न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी अनेक लोगों द्वारा बोली जाती है। जनगणराज्य के मूल्यांकन के आधार पर, हिंदी एक विश्व भाषा है, क्योंकि इसके बोलने और समझने वालों की संख्या वैश्विक रूप से तीसरी सबसे अधिक है। विश्व के 132 देशों में वास करने वाले भारतीय मूल के लगभग 2 करोड़ लोग हिंदी के माध्यम से ही अपने काम को सम्पन्न करते हैं। एशियाई संस्कृति में इसकी विशिष्ट भूमिका के कारण हिंदी एशिया की प्रतिनिधि भाषा के रूप में उभरी है।
हिंदी हमारे संस्कृति और गहरी धार्मिक और सामाजिक वाल्य को दर्शाती है, और यह भाषा भारत की एकता के साथ-साथ हमारी विविधता का प्रतीक भी है। हिंदी को बढ़ावा देना हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूती देता है और हमें अपने रूपरेखा के साथ गर्व महसूस करने का मौका देता है।
इस हिंदी दिवस पर, हम सभी को अपनी भाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए और इसे बढ़ावा देने का प्रतिश्रद्धा करना चाहिए। हमारी मातृभाषा का सम्मान करना हमारी राष्ट्रीय एकता को और भी मजबूत बनाता है और हमारे बच्चों को इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूक बनाता है।
