
Axiom 4 – Group Captain Shubhanshu Shukla set to step into the International Space Station. The second Indian after Rakesh Sharma to fly into Space and will stay for 14 days at ISS
Axiom-4: अंतरिक्ष में भारत की अगली ऐतिहासिक छलांग
Axiom-4 (Ax-4) मिशन, अमेरिकी निजी कंपनी Axiom Space द्वारा आयोजित एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष यात्रा परियोजना है, जो भारत की अंतरिक्ष खोज यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बनने जा रही है।
भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Group Captain Shubhanshu Shukla)इस मिशन में मिशन पायलट के रूप में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे। वे अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और ISS पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे।
हालांकि, यह बहुप्रतीक्षित प्रक्षेपण, जो मूल रूप से जून 2025 में प्रस्तावित था, SpaceX के Falcon 9 रॉकेट में तकनीकी खामी के कारण स्थगित कर दिया गया है।
यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि वह गगनयान — भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन — की तैयारी में जुटा हुआ है। Axiom-4 मिशन से ग्रुप कैप्टन शुक्ला को प्राप्त होने वाला अनुभव, भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अमूल्य सिद्ध होगा।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) क्या है?
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पृथ्वी की सतह से लगभग 400 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित एक स्थायी मानवयुक्त प्रयोगशाला है।
यह स्टेशन 15 देशों और 5 प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों के सहयोग से संचालित होता है:
- NASA (अमेरिका)
- Roscosmos (रूस)
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA)
- जापान की JAXA
- कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA)
यह अंतरिक्ष स्टेशन 7.66 किमी/सेकंड की गति से पृथ्वी की परिक्रमा करता है और हर 90 मिनट में एक चक्कर पूरा करता है। इसका मतलब है कि यह हर 24 घंटे में 16 बार पृथ्वी की परिक्रमा करता है।

साझेदारी की शुरुआत: एक वैश्विक मिशन
Axiom-4 मिशन एक वाणिज्यिक मिशन है, जिसे Axiom Space और NASA के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य 2 सप्ताह तक के लिए बहुराष्ट्रीय दल को ISS पर भेजना है।
Axiom के चौथे वाणिज्यिक मिशन की टीम में शामिल हैं: Group Captain Shubhanshu Shukla
- कमांडर पैगी व्हिटसन (अमेरिका)
- पायलट शुभांशु शुक्ला (भारत)
- स्लावोस्ज़ उज़नांस्की–विश्निवेस्की (पोलैंड)
- तिबोर कापू (हंगरी)
भारत के लिए यह अवसर Axiom Space और NASA के साथ एक रणनीतिक साझेदारी के तहत प्राप्त हुआ है, जिससे भारतीय अंतरिक्ष यात्री को गगनयान मिशन से पूर्व अंतरिक्ष उड़ान का अनुभव प्राप्त हो सकेगा।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायु सेना के एक अनुभवी फाइटर पायलट हैं। उनका चयन भारत की अंतरिक्ष यात्री चयन एवं प्रशिक्षण प्रक्रिया की कठोरता को दर्शाता है।
गगनयान के लिए वैज्ञानिक नींव: अनुसंधान उद्देश्य
Axiom-4 मिशन केवल प्रतीकात्मक उड़ान नहीं है, बल्कि यह विज्ञान–समृद्ध मिशन है। इस मिशन के अंतर्गत ISS पर कई वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे, जिनका विशेष रूप से भारतीय अनुसंधान लक्ष्यों से संबंध है।
इन प्रयोगों को ISRO और भारतीय अनुसंधान संस्थानों द्वारा डिजाइन किया गया है, जिन्हें ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला माइक्रोग्रैविटी (गुरुत्वहीनता) की स्थिति में अंजाम देंगे।
प्रमुख अनुसंधान क्षेत्र:
- मानव शरीर क्रिया विज्ञान (Human Physiology):
- अंतरिक्ष में हृदय स्वास्थ्य, संतुलन प्रणाली और मांसपेशी-हड्डी संरचना पर प्रभाव।
- दीर्घकालीन अंतरिक्ष यात्राओं में मानव शरीर की सुरक्षा के लिए आवश्यक डेटा।
- जीव विज्ञान (Life Sciences):
- कोशिका विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी में प्रयोग।
- गुरुत्वाकर्षण रहित वातावरण में जैविक प्रक्रियाओं की बेहतर समझ।
- सामग्री विज्ञान (Materials Science):
- विभिन्न धातुओं और मिश्रधातुओं का अंतरिक्ष में व्यवहार।
- नए मटेरियल्स का विकास, जिनका उपयोग धरती और अंतरिक्ष में हो सकता है।
- पृथ्वी अवलोकन (Earth Observation):
- पृथ्वी के पर्यावरण, मौसम, और प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी।
इन प्रयोगों से प्राप्त ज्ञान सीधे गगनयान कार्यक्रम को समृद्ध करेगा और भारत के मानव अंतरिक्ष मिशनों की डिज़ाइन, सुरक्षा, और संचालन प्रणाली को बेहतर बनाएगा।
लॉन्च में देरी: सुरक्षा सर्वोपरि
Axiom-4 मिशन को Kennedy Space Center, Florida से SpaceX Falcon 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाना था। मिशन दल Crew Dragon कैप्सूल में यात्रा करने वाला था।
हालांकि, प्री-लॉन्च जांच के दौरान Falcon 9 के दूसरे चरण में तकनीकी गड़बड़ी पाई गई, जिससे लॉन्च स्थगित कर दिया गया है।
SpaceX और Axiom Space इस तकनीकी समस्या को दूर करने में जुटे हुए हैं। नई लॉन्च तिथि तकनीकी समाधान और सुरक्षा जांच पूरी होने के बाद घोषित की जाएगी।
यह देरी भले ही अस्थायी झटका हो, लेकिन यह दर्शाती है कि मानव सुरक्षा हर अंतरिक्ष मिशन में सर्वोच्च प्राथमिकता है।
अपेक्षित परिणाम: भारत के अंतरिक्ष भविष्य की नींव
Axiom-4 मिशन की सफल पूर्णता के बाद, भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में अनमोल अनुभव प्राप्त होगा।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ISS यात्रा और उनके प्रयोगों से प्रचुर वैज्ञानिक जानकारी और तकनीकी दक्षता प्राप्त होगी।
प्रमुख अपेक्षित उपलब्धियाँ:
- संचालन विशेषज्ञता (Operational Expertise):
अंतरिक्ष मिशन नियंत्रण, प्रशिक्षण, और उड़ान संचालन में प्रत्यक्ष अनुभव — जो गगनयान मिशन में उपयोगी होगा। - वैज्ञानिक उन्नति (Scientific Advancement):
भारतीय वैज्ञानिक प्रयोगों से अंतरराष्ट्रीय शोध को योगदान और भविष्य के अनुसंधानों में मार्गदर्शन। - युवा प्रेरणा (Inspiration for a Generation):
एक भारतीय को ISS पर कार्य करते देखना अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और छात्रों को प्रेरणा देगा।
निष्कर्ष: एक ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत
हालाँकि Axiom-4 मिशन का प्रक्षेपण फिलहाल स्थगित है, परंतु इसने पहले ही भारत की अंतरिक्ष वैज्ञानिक समुदाय को सक्रिय और प्रेरित कर दिया है।
इस मिशन की सफलता, जब भी हो, भारत के लिए गर्व का विषय होगी और मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत को वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित करेगी।
Axiom-4 सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा का नया अध्याय है — गगनयान की ओर एक ठोस और आत्मविश्वासपूर्ण कदम।
